Wednesday, May 12, 2010

शैलपुत्री~~~

1. शैलपुत्री~~~

माँ दुर्गा का प्रथम रूप है शैलपुत्री। पर्वतराज हिमालय के यहाँ जन्म होने से इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है। नवरात्र की प्रथम तिथि को शैलपुत्री की पूजा की जाती है। इनके पूजन से भक्त सदा धनधान्य से परिपूर्ण रहते हैं।


पहली शैलपुत्री कहलावे~~~

शैलपुत्री मां बैल असवार~
करें देवता जय जय कार~~

शिव-शंकर की प्रिय भवानी~
तेरी महिमा किसी न जानी~~

पार्वती तूं उमा कहलावे~
जो तुझे सिमरे सो सुख पावें~~

रिद्धि सिद्धि परवान करे तूं~
दया करे धनवान करे तूं~~

सोमवार को शिव संग प्यारी~
आरती जिसने तेरी उतारी~~

उसकी सगरी आस पुजा दों~
सगरे दुःख तकलीफ मिटा दों~~

घी का सुंदर दीप जला के~
गोला गरी का भोग लगा के~~

श्रद्धा भाव से मंत्र जायें~
प्रेम सहित फिर शीश झुकायें~

जय गिरराज किशोरी अम्बें~
शिव मुख चन्द्र चकोरी अम्बें~~

मनोकामना पूर्ण कर दो~
चमन सदा सुख संम्पति भर दो~~

जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~
जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~

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