Wednesday, May 12, 2010

6~कात्यायनी~~~

6~कात्यायनी~~~

माँ का छठा रूप कात्यायनी है। छठे दिन इनकी पूजा-अर्चना की जाती है। इनके पूजन से अद्भुत शक्ति का संचार होता है व दुश्मनों का संहार करने में ये सक्षम बनाती हैं। इनका ध्यान गोधुली बेला में करना होता है।

छटी कात्यायनी विख्याता~~~

जै अम्बे जै जै कात्यायनी~
जै जगदाता जग की महारानी~~

बैजनाथ स्थान तुम्हारा~
वहां वरदाती नाम पुकारा~~

कई नाम है कई धाम है~
यह स्थान भी तो सुखधाम है~~

हर मंदिर में जोत तुम्हारी~
कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी~~

हर जगह उत्सव होते रहते~
हर मंदिर में भक्त है कहते~~

कात्यायनी रक्षक काया की~
ग्रन्थी काटे मोह माया की~~

झूठे मोह से छुङाने वाली~
अपना नाम जपाने वाली~~

ब्रहस्पतिवार को पूजा करियों~
ध्यान कात्यायनी का धरियों~~

हर संकट को दूर करेगी~
भण्डारे भरपूर करेगी~~

जो भी मां को चमन पुकारें~
कात्यायनी सब कष्ट निवारे~~

जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~
जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~

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