Wednesday, May 12, 2010

7~ कालरात्रि~~~

7~ कालरात्रि~~~

नवरात्रि की सप्तमी के दिन माँ कालरात्रि की आराधना का विधान है। इनकी पूजा-अर्चना करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है व दुश्मनों का नाश होता है, तेज बढ़ता है।

सातवीं कालरात्रि महांमाया~~~

कालरात्रि जै जै महाकाली~
काल के मुंह से बचाने वाली~~

दुष्ट संघारण नाम तुम्हारा~
महां चण्डी तेरा अवतारा~~

पृथ्वी और आकाश पे सारा~
महाकाली है तेरा पसारा~~

खंडा खप्पर रखने वाली~
दुष्टों का लहू चखने वाली~~

कलकत्ता स्थान तुम्हारा~
सब जगह देखूं तेरा नज़ारा~~

सभी देवता और नर नारी~
गांवे सभी स्तुति तुम्हारी~~

रक्तदन्ता और अन्न्पूर्णा~
कृपा करे तो कोई भी दुख न~~

न कोई चिन्ता न रहे बिमारी~
न कोई गम न संकट भारी~~

उस पर कभी कष्ट न आवे~
महा काली मां जिसे बचावें~~

तूं भी चमन प्रेम से कह~
कालरात्रि मां तेरी जय~~~

जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~
जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~

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