Wednesday, May 12, 2010

5~ स्कंदमाता~~~

5~ स्कंदमाता~~~

नवरात्रि का पाँचवाँ दिन आपकी उपासना का दिन होता है। मोक्ष के द्वार खोलने वाली माता परम सुखदायी है। माँ अपने भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती है।


पांचवी देवी स्कंद माता~~~

जै तेरी हो स्कंद माता~
पांचवा नाम तुम्हारा आता~~

सब के मन की जानन हारी~
जग जननी सब की महतारी~~

तेरी जोत जलाती रहूं मैं~
हर दम तुम्हे ध्याती रहूं मैं~~

कई नामों से तुझे पुकारा~
मुझे एक है तेरा सहारा~~

कहीं पहाङों पर है डेरा~
कई शहरों में तेरा बसेरा~~

हर मंदिर में तेरे नज़ारे~
गुण गाए तेरे भक्त प्यारे~~

भक्ति अपनी मुझे दिला दो~
शक्ति मेरी बिगङी बना दो~~

इन्द्र आदि देवता मिल सारे~
करें पुकार तुम्हारे द्वारें~~

दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आये~
तूं ही खण्डा हाथ उठाये~~

दासों को सदा बचाने आई~
चमन की आस पुजाने आई~~

जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~
जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~

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