8~ महागौरी ~~~
देवी का आठवाँ रूप माँ गौरी है। इनका अष्टमी के दिन पूजन का विधान है। इनकी पूजा सारा संसार करता है। पूजन करने से समस्त पापों का क्षय होकर कांति बढ़ती है। सुख में वृद्धि होती है, शत्रु-शमन होता है।
आठवी महांगौरी जगजाया~~~
जै माहांगौरी जगत की माया~
जै उमा भवानी जय महांमाया~~
हरिद्वार कनखल के पासा~
महांगौरी तेरा वहा निवासा~~
चन्द्रकली और ममता अम्बे~
जै शक्ति जै जै मां जगदम्बे~~
भीमा देवी विमला माता~
कौशकी देवी जग विख्याता~~
हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा~
महांकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा~~
सती सत हवन कुण्ड में था जलाया~
उसी धुएं ने रूप काली बनाया~~
बना धर्म सिंह जो सवारी में आया~
तो संकर ने त्रिशूल अपना दिखाया~~
तभी मां ने महांगौरी नाम पाया~
शरण आने वाले का संकट मिटाया~~
शनिवार को तेरी पूजा जो करता~
मां बिगङा हुआ काम उसका सुधरता~~
चमन बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो~
महांगौरी मां तेरी हरदम ही जय हो~~
जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~
जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~
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