Wednesday, May 12, 2010

3. चंद्रघंटा~~~

3. चंद्रघंटा~~~

माँ दुर्गा का तीसरा स्वरूप चंद्रघंटा है। इनकी आराधना तृतीया को की जाती है। इनकी उपासना से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। वीरता के गुणों में वृद्धि होती है। स्वर में दिव्य अलौकिक माधुर्य का समावेश होता है, आकर्षण बढ़ता है|



तीसरी 'चंद्र घंटा शुभ नाम'~~~

जय मां चंद्र घंटा शुख धाम~
पूर्ण कीजो मेरे काम~~

चन्द्र समान तूं शीतल दाती~
चन्द्र तेज किरणों में समाती~~

क्रोध को शांत बनाने वाली~
मीठे बोल सिखाने वाली~~

मन की मालक मन भाती हो~
चंद्र घंटा तुम वरदाती हो~~

सुन्दर भाव को लाने वाली~
हर संकट से बचाने वाली~~

हर बुधवार जो तुम्हे ध्याये~
श्रद्धा सहित जो विनय सुनाये~~

मूर्ति चन्द्र आकार बनाए~
सन्मुख घी की जोत जलाए~~

शीश झुका कहे मन की बात~
पूर्ण आस करो जग दाता~~

कान्ची पुर स्थान तुम्हारा~
करनाटिका में मान तुम्हारा~~

नाम तेरा रटू महारानी~
चमन की रक्षा करो भवानी~~

जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~
जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~

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