7~ कालरात्रि~~~
नवरात्रि की सप्तमी के दिन माँ कालरात्रि की आराधना का विधान है। इनकी पूजा-अर्चना करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है व दुश्मनों का नाश होता है, तेज बढ़ता है।
सातवीं कालरात्रि महांमाया~~~
कालरात्रि जै जै महाकाली~
काल के मुंह से बचाने वाली~~
दुष्ट संघारण नाम तुम्हारा~
महां चण्डी तेरा अवतारा~~
पृथ्वी और आकाश पे सारा~
महाकाली है तेरा पसारा~~
खंडा खप्पर रखने वाली~
दुष्टों का लहू चखने वाली~~
कलकत्ता स्थान तुम्हारा~
सब जगह देखूं तेरा नज़ारा~~
सभी देवता और नर नारी~
गांवे सभी स्तुति तुम्हारी~~
रक्तदन्ता और अन्न्पूर्णा~
कृपा करे तो कोई भी दुख न~~
न कोई चिन्ता न रहे बिमारी~
न कोई गम न संकट भारी~~
उस पर कभी कष्ट न आवे~
महा काली मां जिसे बचावें~~
तूं भी चमन प्रेम से कह~
कालरात्रि मां तेरी जय~~~
जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~
जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~
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