2. ब्रह्मचारिणी~~~
माँ दुर्गा का दूसरा रूप ब्रह्मचारिणी है। माँ दुर्गा का यह रूप भक्तों और साधकों को अनंत कोटि फल प्रदान करने वाला है। इनकी उपासना से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की भावना जागृत होती है।
दूसरी ब्रह्मचारिणी मन भावे~~~
जै अम्बे ब्रह्मचारिणी माता~
जै चतुराणन प्रिय सुख दाता~~
ब्रहमा जी के मन भाती हो~
ज्ञान सभी को सिखलाती हो~~
ब्रहम मंत्र है जाप तुम्हारा~
जिस को जपे सकल संसारा~~
जै गायत्री वेद की माता~
जो जन निस दिन तुम्हे ध्याता~~
कमी कोई रहने न पाये~
कोई भी दुःख सहने न पाये~~
उसकी विरती रहे ठिकाने~
जो तेरी महिमा को जाने~~
रूद्राक्ष की माला ले कर~
जपे जो मंत्र श्रद्धा लेकर~~
आलस छोङ करे गुणगान~
मां तुम उसको सुख पहुंचाना~~
ब्रह्मचारिणी तेरो नाम~
पूर्ण करो सब मेरे काम~~
चमन तेरे चरणों का पुजारी~
रखना लाज मेरी महतारी~~
जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~
जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~जय माता दी~~~
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