Thursday, August 2, 2012

हर बुधवार बोलें यह गणेश मंत्र..सारी चिंताएं होंगी दूर

चिंता, दु:ख का ही ऐसा रूप है, जिससे तकरीबन हर इंसान हर रोज किसनी न किसी तरह दो-चार होता है। चिंता तन के साथ मन और व्यवहार में बुरे बदलाव लाती है। यही कारण है कि चिंता को दूर रखने के लिये जरूरतों, अपेक्षा या उम्मीदों को पर काबू रखना बेहतर उपाय है।

वहीं, अशांति और चिंता से बचने के धार्मिक उपायों की बात होती है तो शास्त्रों में भगवान श्री गणेश चिंताहरण देवता के रूप में पूजनीय माना गया है।

बुधवार को श्री गणेश पूजा का बैचेनी, व्यग्रता और कष्टों से निजात पाने के लिए विशेष महत्व है। शास्त्रों में इस दिन एक ऐसे गणेश मंत्र का स्मरण शुभ माना गया है, जो आस्था और श्रद्धा से बोलने पर मन को भरोसा व हौंसला देकर हर चिंता का अंत करता है। जानते हैं बुधवार के लिए श्री गणेश पूजा की सरल विधि के साथ यह चिंताहरण मंत्र -

- सुबह स्नान कर भगवान श्री गणेश की आराधना घर या देवालय में करें।

- श्री गणेश की पूजा में चंदन, अक्षत, पीले फूल, अबीर, गुलाल, दूर्वा, सिंदूर, चढ़ाएं। यथाशक्ति मोदक यानी लड्डुओं का भोग लगाएं।

- पूजा के बाद इस चिंता या शोक हरने वाले श्री गणेश मंत्र की यथाशक्ति माला करें या किसी भी परेशानी के समय स्मरण कर मन ही मन जाप करें -ऊँ नमो विघ्रहराय गं गणपतये नम:।।

इसके साथ नीचे लिखा पौराणिक मंत्र भी शोक या चिंताओं का नाश करने में बहुत असरदार होता है-

गजाननं भूत गणादि सेवितं कपित्थ जम्बू फल चारूभक्षणं।

उमासुतं शोक विनाशकारकं नमामि विघ्रेश्वरपादपंकजम।।

- मंत्र स्मरण व पूजा कर गणेश आरती करें। आरती व प्रसाद ग्रहण करें।